सुबह सुबह जब आँख खुले
पल पल जब तक रात ढले
यह दिल तुझे ही महसूस करे माँ
और यह आँखें तुझे ही ढूंढें माँ
तेरी दांट मुझे अक्सर याद आये
प्रेम से पड़ी मार आज मुझे रुलाए
यह कान तेरी ही वाणी ढूंढे माँ
और यह आँखें तुझे ही ढूंढे माँ
तेरे हाथो का स्पर्श नहीं भूला मै
तेरी गोद की नींद नहीं भूला मै
यह मस्तक तेरा ही आँचल ढूंढे माँ
और यह आँखें तुझे ही ढूंढे माँ
तेरी ममता की चादर बहुत बड़ी है
तेरे प्यार की बोछार एक निरंतर झड़ी है
मेरा हर शब्द तुझे ही हर पल पुकारे माँ
और यह आँखें तुझे ही ढूंढे माँ