सागर से भी विशाल हो प्यार जिसका
जो हर ठोकर के बाद दिखाए सही रास्ता
जो इन्सान होकर भी हो एक फ़रिश्ता
उस हस्ती को कहते है माँ !!
जो तुम्हारी फ़िक्र को तुमसे पहले जाने
जो तुम्हे तुम्से भी बहतर पहचाने
तुम्हारी हर इच्छा पे जो कह दे हा
उस हस्ती को कहते है माँ !!
जिसकी गोद हो तुम्हारा तकिया
जो तुम्हे सुलाए गाते हुए लोरिया
हमेशा रहेगी साथ जिसकी दुआ
उस हस्ती को कहते है माँ !!
जो ऊँगली पकड़ चलना सिखाए
हर मुस्किल में होसला बढ़ाये
अपने खून से जो लिखे हमारा भविश्य
उस हस्ती को कहते है माँ !!
जो तुम्हे मारे भी प्यार से
तुमसे रूठे तो भी प्यार से
तुम्हारे आँसू देख जो रो पड़े
उस हस्ती को कहते है माँ !!
जो आँख खोले तो तुम्हे ही ढूंढे ,
आँख बंद हो तो तुम्हारे ही सपने देखे
जो खुदा से भी मांगे तुम्हारी ही खुशिया
उस हस्ती को कहते है माँ !!
Beautiful piece of writing, sir.
super like!